।। धरती फाड़ कर हनुमान जी प्रकट हुए।।
जहां श्री हनुमानजी प्रगट हुए, वहां कुछ मजदूर काम कर रहे थे। उन्होंने श्री हनुमानजी का चेहरा देखा। यह मानसून का समय था,बारिश होने वाली थी। मजदूरों ने उसे पत्थर समझ कर निकालना शुरू किया । तब उन्हे श्री हनुमान जी की मूर्ति का पूरा चेहरा नजर आया । उसने अन्य मजदूरों को आवाज दी। तब पता चला की यह पत्थर नही वरन ,हनुमान जी का चेहरा है। उत्खनन का कार्य रात भर चला। तब तक यह खबर जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी। इसके बाद लोगों के आने का तांता लग गया। पुलिस के जवानों ने डेरा डाल दिया । अखबार एवम टीवी चैनलो पर घटना का विवरण दिया जा रहा था।सोशल मीडिया पर संदेश चल रहे थे। तदुपरांत श्री हनुमान जी की विधिवत पूजा आरंभ हुई। भोपाल मे जिस स्थान पर श्री हनुमानजी प्रकट हुए है वह प्राचीन रेशम मार्ग पर (SILK ROUTE) स्थित है। रेशम मार्ग (SILK ROUTE) चीन की राजधानी बीजिंग से चलकर, पेशावर, लाहौर, काशी, विदिशा उज्जैन तक जाता था।

।। परगट हनुमान जी मंदिर तक कैसे पहुंचा जाए।।
यह मंदिर भोपाल रेलवे स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां का सबसे नजदीक एयरपोर्ट, भोपाल का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।

संत मन्नत बाबा जी

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परगट हनुमानजी मन्नत मंदिर
सूखी सेवनिया (भोपाल विदिशा मार्ग) भोपाल

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